तुम्हारे जाने के बाद,
तुम्हारे आने के दिन गिनता हूँ,
तारे तो खत्म हुए कब के,
अब अपनी सासों के साथ तुम्हारी यादें गिनता हूँ।
एक छोटीसी तमन्ना
तुम्हें सीने से लगाये हुए,
युँही बस लेटे रहना
अपनी धडकनों के साथ,
तुम्हारीं सासों को महसूस करना,
और आँखें बंद करके ये दुआ करना,
के पल यें खत्म ना हो कभी…
पर अब जब तुम नहीं हो पास मेरे,
अपनी ही तमन्ना को सरहाने लिये,
अकेले ही करवटें बदलते रहना
और तुम्हारी खुशबू को तरसते रहना
अपनी तनहाई को आखों मे ही छिपायें रखना
बंद करके पलकों को,ख्वाबों में तुम्हेही देखना
और इन ख्वाबों के सच होने की दुआयें करना…
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तुम्हारे जाने के बाद,
तुम्हारे आने के दिन गिनता हूँ,
तारे तो खत्म हुए कब के,
अब अपनी सासों के साथ तुम्हारी यादें गिनता हूँ।
© Manish Hatwalne
A real good poem for those who do not have the font installed..whatever language your poem is…:) all i m seeing is some barcodes..
No font is required if your computer is configured to read Unicode in Devnagari script. You can look for some help here –
विकिपीडिआ साहाय्य:Setup For Devanagari
विकिपीडिया:Setting up your browser for Indic scripts
its great…indeed !
nice poem yaar i suggest you to visit mine too . i e http://www.bhanaharu.blogspot.com
तुम्हारे जाने के बाद,
तुम्हारे आने के दिन गिनता हूँ,
तारे तो खत्म हुए कब के,
अब अपनी सासों के साथ तुम्हारी यादें गिनता हूँ।
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